लिस्टिंग प्रीमियम बनाम वोलैटिलिटी: निवेशकों की पहली परीक्षा
विक्रान इंजीनियरिंग (Vikran Engineering IPO) ने सितंबर 2025 में बाजार में धमाकेदार एंट्री की। इश्यू प्राइस ₹92–₹97 के दायरे में तय था और सब्सक्रिप्शन रिकॉर्ड-तोड़ रहा। लेकिन लिस्टिंग के पहले दिन ही प्रीमियम उम्मीदों और वोलैटिलिटी ने निवेशकों को सोचने पर मजबूर कर दिया। जहां अनुमानित लिस्टिंग रेंज ₹105–₹112 थी, वहीं BSE प्री-ओपन में शेयर ₹90 तक फिसल गया। यानी शुरुआती घंटों में ही “लिस्टिंग गेन” और “डाउनसाइड रिस्क” दोनों दिख गए।
क्या है विक्रान इंजीनियरिंग की ताकत?
कंपनी की ताकत उसके ग्रॉथ मैट्रिक्स और बिज़नेस मॉडल में छिपी है:
- FY23 से FY25 तक Revenue CAGR 32% – ₹524 करोड़ से बढ़कर ₹916 करोड़।
- PAT लगभग दोगुना होकर ₹77.8 करोड़।
- EBITDA Margin 17.5%, जो इंडस्ट्री पीयर्स से ऊंचा है।
- Asset-light मॉडल (लीज्ड इक्विपमेंट पर फोकस) से कॉस्ट-एफिशियंसी और स्केलेबिलिटी।
- देशभर में प्रोजेक्ट डिलीवरी और इंजीनियरिंग एक्सपर्टीज़ से भरोसेमंद एक्सिक्यूशन क्षमता।
IPO सब्सक्रिप्शन और निवेशकों का भरोसा
₹772 करोड़ के IPO में निवेशकों की रुचि असाधारण रही।
- कुल सब्सक्रिप्शन: 23.59x
- NII (HNI निवेशक): 58.58x
- QIB (Institutional): 19.45x
- Retail: 10.97x
👉 ये आंकड़े दिखाते हैं कि संस्थागत और रिटेल दोनों निवेशकों का कंपनी की संभावनाओं पर मजबूत भरोसा रहा।
Valuation बनाम Peer Companies
विक्रान इंजीनियरिंग का वैल्यूएशन आकर्षक लेकिन चुनौतीपूर्ण माना जा रहा है।
कंपनी | FY25 P/E Multiple | Revenue CAGR | EBITDA Margin | PAT (FY25) |
---|---|---|---|---|
Vikran Engineering | 22x | 32% | 17.5% | ₹77.8 करोड़ |
KEC International | 31x | 14% | 11.2% | ₹410 करोड़ |
Techno Electric | 39x | 18% | 15.6% | ₹212 करोड़ |
📊 तुलना साफ बताती है कि विक्रान का वैल्यूएशन peers से सस्ता है, मगर Railway Board Ban और वर्किंग कैपिटल दबाव रिस्क फैक्टर बने हुए हैं।
आगे की रणनीति और रिस्क फैक्टर
एनालिस्ट मानते हैं कि 10–15% लिस्टिंग प्रीमियम संभव है, लेकिन लंबी रेस का घोड़ा वही बनेगा जो ऑर्डर बुक को राजस्व में बदल पाए।
- पॉज़िटिव: मजबूत ग्रोथ, उच्च मार्जिन, डोमेस्टिक इंफ्रास्ट्रक्चर थीम से जुड़ाव।
- नेगेटिव: हाई वर्किंग कैपिटल, नियामकीय रिस्क (रेलवे बैन), और वोलैटाइल कच्चा माल लागत।
💡Pro Tip
“IPO लिस्टिंग सिर्फ शुरुआत है—Long-term execution से ही असली value बनेगी।”
Analyst Views
- Swastika Investmart: लिस्टिंग गेन + लॉन्ग-टर्म दोनों अवसर।
- INVasset PMS: 10–15% प्रीमियम की उम्मीद, पर execution पर फोकस ज़रूरी।
- मार्केट स्ट्रैटेजिस्ट Maurya: इंफ्रास्ट्रक्चर कैपेक्स से लंबी अवधि का स्ट्रक्चरल ग्रोथ संभव।
FAQ – निवेशकों के सबसे बड़े सवाल
Q1: क्या लिस्टिंग गेन पर तुरंत बेच देना चाहिए?
👉 शॉर्ट-टर्म ट्रेडर प्रीमियम पर मुनाफा ले सकते हैं, लेकिन लॉन्ग-टर्म ग्रोथ स्टोरी बरकरार है।
Q2: क्या Vikran Engineering एक Long-Term Hold है?
👉 हां, यदि आप वोलैटिलिटी झेल सकते हैं और इंफ्रास्ट्रक्चर थीम पर भरोसा रखते हैं।
Q3: सबसे बड़ा रिस्क क्या है?
👉 वर्किंग कैपिटल ज़रूरतें, Railway Board का regulatory ban, और execution delays।
निवेशकों के लिए अगला कदम
अगर आपका पोर्टफोलियो IPO-heavy है, तो Vikran Engineering को शामिल करने से पहले Rebalancing करें। शॉर्ट-टर्म लिस्टिंग गेन और लॉन्ग-टर्म स्ट्रक्चरल ग्रोथ—दोनों अवसर मौजूद हैं, लेकिन जोखिम-क्षमता और निवेश होराइजन के अनुसार फैसला लें।
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