भारतीय शेयर बाजार हफ्ते की शुरुआत झटके के साथ कर रहा है। US H-1B वीज़ा फीस को $100,000 (₹88 लाख) तक बढ़ाने की घोषणा ने IT सेक्टर को जोरदार धक्का दिया है। इसका सीधा असर Sensex और Nifty पर दिखा, जहां शुरुआती कारोबार में तेज गिरावट दर्ज की गई।
Nifty 25,300 के नीचे क्यों टूटा?
सोमवार को बाजार खुलते ही Sensex 302 अंक गिरकर 82,323.62 पर और Nifty 67 अंक टूटकर 25,260 पर आ गया। 9:30 बजे तक Sensex लगभग 182 अंक और Nifty करीब 40 अंक नीचे कारोबार कर रहे थे। विशेषज्ञों के अनुसार, IT सेक्टर की कमजोरी ने पूरे बाजार की धारणा को नकारात्मक कर दिया।
Sensex Crash: IT Stocks पर H-1B Fee का असर
H-1B वीज़ा फीस में अचानक बढ़ोतरी से IT कंपनियों का बिजनेस मॉडल प्रभावित हुआ है।
- Tech Mahindra का शेयर करीब 6% तक गिरा।
- IT सेक्टोरल इंडेक्स Nifty को 0.3% तक खींचकर नीचे ले गया।
- Infosys और Wipro जैसे दिग्गज भी दबाव में रहे।
यह साफ संकेत है कि Sensex Crash का मुख्य कारण IT सेक्टर में पैनिक सेलिंग है।
Sensex Crash: अन्य सेक्टर्स और मिडकैप्स की स्थिति
हालांकि IT शेयरों में भारी गिरावट दिखी, लेकिन मिडकैप और स्मॉलकैप शेयर अपेक्षाकृत स्थिर रहे। ब्रॉडर मार्केट में निवेशकों का भरोसा बना रहा, जिससे Sensex और Nifty की गिरावट को आंशिक सहारा मिला।
Sensex Crash: विशेषज्ञों की राय और ट्रेंड
- डॉ. वी.के. विजयकुमार (Geojit Investments) का मानना है कि IT सेक्टर में दबाव रहेगा, लेकिन GST रेट कट और त्योहारों का सीजन घरेलू खपत को बढ़ावा देगा।
- उन्होंने कहा कि बैंकिंग और फाइनेंशियल स्टॉक्स आने वाले समय में अच्छे रिटर्न दे सकते हैं।
- अनंद जेम्स (Chief Market Strategist) ने बताया कि बाजार फिलहाल 25,200–25,000 लेवल पर सपोर्ट तलाश सकता है, लेकिन 25,669 के ऊपर जाना अभी मुश्किल है।
Sensex Crash: निवेशकों के लिए अवसर और वैल्यू
हालांकि Sensex Crash ने IT स्टॉक्स को नुकसान पहुंचाया है, लेकिन यह लॉन्ग-टर्म निवेशकों के लिए अवसर भी है।
- उच्च वैल्यूएशन चिंता का विषय है, लेकिन GST रिफॉर्म्स और लो इंटरेस्ट रेट्स खपत और क्रेडिट डिमांड बढ़ा सकते हैं।
- विशेषज्ञों का मानना है कि बैंकिंग और कंज्यूमर सेक्टर में फिलहाल बेहतर ग्रोथ अपॉर्च्युनिटी है।
निष्कर्ष: क्या करना चाहिए निवेशकों को?
Sensex Crash और Nifty की कमजोरी फिलहाल शॉर्ट-टर्म वोलैटिलिटी का संकेत है। निवेशकों को सलाह है कि:
- पोर्टफोलियो डाइवर्सिफाई करें।
- IT स्टॉक्स में गिरावट को लॉन्ग-टर्म एंट्री पॉइंट मानें।
- GST रेट कट और त्योहार सीजन से जुड़े सेक्टर्स पर नजर रखें।
👉 बाजार में गिरावट के बावजूद इंवेस्टर्स के लिए नए मौके छिपे हैं। सतर्क रहें, सूचनाओं पर अपडेटेड रहें और सही समय पर कदम उठाएँ।
This post is for informational purposes only.Invest responsibly.No guarantees of results. Seek professional guidance before investing.Consult experts for personalized advice.AI-assisted content, editorially reviewed.See our terms for details.Please note that I am not a SEBI registered investment advisor. The information provided in this article is for informational and educational purposes only and should not be construed as financial advice. Always consult with a qualified and SEBI registered financial professional before making any investment decisions. .Follows Google policies.Not affiliated with Investopedia.com. investopedia.co.in Independent site.