मल्टीनेशनल कंपनियों में कॉर्पोरेट गवर्नेंस की सख्ती अब और साफ दिखाई दे रही है। दुनिया की दिग्गज खाद्य एवं पेय पदार्थ कंपनी Nestlé ने अपने ग्लोबल CEO लॉरेंट फ्रेक्सी (Laurent Freixe) को तत्काल प्रभाव से पद से हटा दिया है। यह फैसला उस जांच के बाद लिया गया जिसमें सामने आया कि उन्होंने एक कर्मचारी के साथ अपने संबंधों की जानकारी कंपनी बोर्ड से छुपाई थी।
What Triggered the Investigation – जांच की शुरुआत कैसे हुई?
- इस साल की शुरुआत में Financial Times ने पहली बार फ्रेक्सी के एक कर्मचारी के साथ रिश्ते का दावा किया था, लेकिन उस समय सबूत पर्याप्त नहीं थे।
- बाद में कंपनी के भीतर से एक व्हिसलब्लोअर शिकायत सामने आई, जिसके आधार पर आंतरिक जांच शुरू हुई।
- जांच की कमान कंपनी के लीड इंडिपेंडेंट डायरेक्टर पाब्लो इस्ला और चेयरमैन पॉल बुल्के ने संभाली।
- इसके बाद एक बाहरी स्वतंत्र जांच एजेंसी भी शामिल की गई, जिसने पुष्टि की कि फ्रेक्सी ने कोड ऑफ कंडक्ट का उल्लंघन किया है।
कंपनी ने साफ कर दिया कि यह निर्णय “आवश्यक” था और फ्रेक्सी को एग्जिट पैकेज नहीं मिलेगा।
Governance and Whistleblower Role – गवर्नेंस और व्हिसलब्लोअर की भूमिका
Nestlé ने बयान जारी कर कहा कि निर्णय “बेस्ट प्रैक्टिस कॉर्पोरेट गवर्नेंस” के तहत लिया गया है। चेयरमैन पॉल बुल्के ने कहा:
“Nestlé के मूल्य और गवर्नेंस हमारी कंपनी की नींव हैं। हमने आरोपों और जांच को गंभीरता से लिया और उसी के अनुरूप कदम उठाया।”
यह केस इस बात का उदाहरण है कि व्हिसलब्लोअर मैकेनिज़्म कंपनियों के भीतर पारदर्शिता और जिम्मेदारी सुनिश्चित करने में कितना अहम होता जा रहा है।
Leadership Transition: Philipp Navratil’s Challenges Ahead
फ्रेक्सी ने लगभग 40 साल Nestlé में काम करने के बाद पिछले सितंबर में ग्लोबल CEO का पद संभाला था। उनकी विदाई के बाद अब फिलिप नाव्राटिल (Philipp Navratil) को नया CEO नियुक्त किया गया है, जो 2001 से कंपनी के साथ जुड़े हुए हैं।
नाव्राटिल को ऐसे समय में यह जिम्मेदारी मिली है जब:
- अमेरिका में टैरिफ टेंशन (व्यापार शुल्क विवाद) बढ़ रहे हैं।
- Nestlé को गिरती मांग और स्लोडाउन जैसी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।
नए CEO के सामने सबसे बड़ी चुनौती होगी ब्रांड पर निवेशकों और उपभोक्ताओं का भरोसा बनाए रखना, और गवर्नेंस के नए मानकों पर कंपनी को खरा उतारना।
Wider Corporate Lessons on Professional Conduct
Nestlé का यह मामला कोई अकेला उदाहरण नहीं है। कॉर्पोरेट दुनिया में पिछले कुछ वर्षों में कई ऐसे केस सामने आए हैं, जहां टॉप एग्जीक्यूटिव्स को ‘ऑफिस रोमांस’ या कंफ्लिक्ट ऑफ इंटरेस्ट छुपाने की वजह से पद छोड़ना पड़ा।
📌 Comparison Insight Box – Global CEO Scandals
- Intel CEO ब्रायन क्रज़ानिच (2018): कंपनी पॉलिसी उल्लंघन के चलते रिश्ता छुपाने पर इस्तीफा।
- McDonald’s CEO स्टीव ईस्टरब्रुक (2019): कर्मचारी संग सहमति वाले रिश्ते के बावजूद गवर्नेंस नियम तोड़ने पर पद से हटाए गए।
- Astronomer CEO एंडी ब्रायन (जुलाई 2025): एक कॉन्सर्ट में रिश्ता उजागर होने पर बर्खास्त।
ये केस दिखाते हैं कि वैश्विक कंपनियाँ अब “Zero Tolerance Policy” अपना रही हैं और पारदर्शिता को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही हैं।
Timeline of Events – घटनाक्रम की झलक
- सितंबर 2024: फ्रेक्सी बने Nestlé के ग्लोबल CEO।
- जनवरी 2025: Financial Times ने रिलेशनशिप पर शुरुआती रिपोर्ट छापी।
- मार्च 2025: व्हिसलब्लोअर शिकायत दर्ज, आंतरिक जांच शुरू।
- जून 2025: स्वतंत्र बाहरी जांच में आरोपों की पुष्टि।
- अगस्त 2025: तत्काल प्रभाव से बर्खास्तगी, Philipp Navratil नए CEO बने।
Investors & Professionals के लिए Takeaway
यह केस कॉर्पोरेट दुनिया के लिए कई सीख छोड़ता है:
- Governance = Trust: निवेशकों का भरोसा तभी मजबूत रहता है जब गवर्नेंस और पारदर्शिता से कोई समझौता न हो।
- Board Oversight: मजबूत बोर्ड और स्वतंत्र जांच ही कंपनी को ऐसे संकटों से बचा सकती है।
- Disclosure Matters: व्यक्तिगत रिश्ते चाहे सहमति वाले हों, लेकिन यदि वे कंपनी पॉलिसी का उल्लंघन करते हैं तो परिणाम कठोर होंगे।
👉 निष्कर्ष: निवेशकों और पेशेवरों को यह समझना चाहिए कि लंबे समय का भरोसा केवल कॉर्पोरेट एथिक्स + गवर्नेंस स्ट्रॉन्ग प्रैक्टिसेज पर ही टिका है।